रामायणम् — 1.58.4
Original
Segmented
गुरु-शाप-कृतम् रूपम् यद् इदम् त्वयि वर्तते अनेन सह रूपेण स शरीरः गमिष्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
शाप | शाप | pos=n,comp=y |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
रूपम् | रूप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अनेन | इदम् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
सह | सह | pos=i |
रूपेण | रूप | pos=n,g=n,c=3,n=s |
स | स | pos=i |
शरीरः | शरीर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गमिष्यसि | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |