Original

गवां शतसहस्रेण दीयतां शबला मम ।रत्नं हि भगवन्नेतद्रत्नहारी च पार्थिवः ।तस्मान्मे शबलां देहि ममैषा धर्मतो द्विज ॥ ९ ॥

Segmented

गवाम् शत-सहस्रेण दीयताम् शबला मम रत्नम् हि भगवन्न् एतद् रत्न-हारी च पार्थिवः तस्मान् मे शबलाम् देहि मे एषा धर्मतो द्विज

Analysis

Word Lemma Parse
गवाम् गो pos=n,g=,c=6,n=p
शत शत pos=n,comp=y
सहस्रेण सहस्र pos=n,g=n,c=3,n=s
दीयताम् दा pos=v,p=3,n=s,l=lot
शबला शबला pos=n,g=f,c=1,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
रत्नम् रत्न pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
भगवन्न् भगवत् pos=a,g=m,c=8,n=s
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
रत्न रत्न pos=n,comp=y
हारी हारिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
pos=i
पार्थिवः पार्थिव pos=n,g=m,c=1,n=s
तस्मान् तस्मात् pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s
शबलाम् शबला pos=n,g=f,c=2,n=s
देहि दा pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
एषा एतद् pos=n,g=f,c=1,n=s
धर्मतो धर्म pos=n,g=m,c=5,n=s
द्विज द्विज pos=n,g=m,c=8,n=s