रामायणम् — 1.5.15
Original
Segmented
प्रसादै रत्न-विकृतैः पर्वतैः उपशोभिताम् कूटागारैः च सम्पूर्णाम् इन्द्रस्य इव अमरावतीम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रसादै | प्रसाद | pos=n,g=m,c=3,n=p |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
विकृतैः | विकृ | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
पर्वतैः | पर्वत | pos=n,g=m,c=3,n=p |
उपशोभिताम् | उपशोभय् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
कूटागारैः | कूटागार | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
सम्पूर्णाम् | सम्पृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
इन्द्रस्य | इन्द्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इव | इव | pos=i |
अमरावतीम् | अमरावती | pos=n,g=f,c=2,n=s |