रामायणम् — 1.47.14
Original
Segmented
हन्त ते कथयिष्यामि शृणु तत्त्वेन राघव यस्य एतत् आश्रम-पदम् शप्तम् कोपान् महात्मना
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हन्त | हन्त | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
कथयिष्यामि | कथय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
तत्त्वेन | तत्त्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
राघव | राघव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आश्रम | आश्रम | pos=n,comp=y |
पदम् | पद | pos=n,g=n,c=1,n=s |
शप्तम् | शप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
कोपान् | कोप | pos=n,g=m,c=5,n=s |
महात्मना | महात्मन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |