रामायणम् — 1.40.4
Original
Segmented
अभिवाद्य अभिवादय् त्वम् हत्वा विघ्न-करान् अपि सिद्धार्थः संनिवर्तस्व मम यज्ञस्य पारगः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अभिवाद्य | अभिवादय् | pos=vi |
अभिवादय् | अभिवादय् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=krtya |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हत्वा | हन् | pos=vi |
विघ्न | विघ्न | pos=n,comp=y |
करान् | कर | pos=a,g=m,c=2,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
सिद्धार्थः | सिद्धार्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
संनिवर्तस्व | संनिवृत् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
यज्ञस्य | यज्ञ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पारगः | पारग | pos=a,g=m,c=1,n=s |