रामायणम् — 1.34.17
Original
Segmented
प्रतिगृह्य त्रिलोक-अर्थम् त्रिलोक-हित-कारिणः गङ्गाम् आदाय ते ऽगच्छन् कृतार्थेन अन्तरात्मना
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रतिगृह्य | प्रतिग्रह् | pos=vi |
त्रिलोक | त्रिलोक | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
त्रिलोक | त्रिलोक | pos=n,comp=y |
हित | हित | pos=n,comp=y |
कारिणः | कारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
गङ्गाम् | गङ्गा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आदाय | आदा | pos=vi |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽगच्छन् | गम् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
कृतार्थेन | कृतार्थ | pos=a,g=m,c=3,n=s |
अन्तरात्मना | अन्तरात्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |