रामायणम् — 1.27.17
Original
Segmented
निःसृताः स्म मुनि-श्रेष्ठ कान्ताराद् रोमहर्षणात् अनया त्व् अवगच्छामि देशस्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निःसृताः | निःसृ | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
स्म | स्म | pos=i |
मुनि | मुनि | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
कान्ताराद् | कान्तार | pos=n,g=m,c=5,n=s |
रोमहर्षणात् | रोमहर्षण | pos=a,g=m,c=5,n=s |
अनया | इदम् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
त्व् | तु | pos=i |
अवगच्छामि | अवगम् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
देशस्य | देश | pos=n,g=m,c=6,n=s |