रामायणम् — 1.22.17
Original
Segmented
तेषाम् संवदताम् तत्र तपो दीर्घेण चक्षुषा विज्ञाय परम-प्रीताः मुनयो हर्षम् आगमन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
संवदताम् | संवद् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
तत्र | तत्र | pos=i |
तपो | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दीर्घेण | दीर्घ | pos=a,g=n,c=3,n=s |
चक्षुषा | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
विज्ञाय | विज्ञा | pos=vi |
परम | परम | pos=a,comp=y |
प्रीताः | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
मुनयो | मुनि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हर्षम् | हर्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आगमन् | आगम् | pos=v,p=3,n=p,l=lun |