रामायणम् — 1.20.7
Original
Segmented
त्रिषु लोकेषु विख्यातो धर्म-आत्मा इति राघवः स्वधर्मम् प्रतिपद्यस्व न अधर्मम् वोढुम् अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विख्यातो | विख्यात | pos=a,g=m,c=1,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
राघवः | राघव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्वधर्मम् | स्वधर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रतिपद्यस्व | प्रतिपद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
न | न | pos=i |
अधर्मम् | अधर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वोढुम् | वह् | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |