रामायणम् — 1.2.35
Original
Segmented
यावत् स्थास्यन्ति गिरयः सरितः च मही-तले तावद् रामायण-कथा लोकेषु प्रचरिष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यावत् | यावत् | pos=i |
स्थास्यन्ति | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
गिरयः | गिरि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सरितः | सरित् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
मही | मही | pos=n,comp=y |
तले | तल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तावद् | तावत् | pos=i |
रामायण | रामायण | pos=n,comp=y |
कथा | कथा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
प्रचरिष्यति | प्रचर् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |