रामायणम् — 1.2.2
Original
Segmented
यथावत् पूजितस् तेन देवर्षिः नारदस् तदा आपृच्छ्य एव अभ्यनुज्ञातः स जगाम विहायसम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथावत् | यथावत् | pos=i |
पूजितस् | पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
देवर्षिः | देवर्षि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नारदस् | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
आपृच्छ्य | आप्रच्छ् | pos=vi |
एव | एव | pos=i |
अभ्यनुज्ञातः | अभ्यनुज्ञा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जगाम | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
विहायसम् | विहायस् | pos=n,g=m,c=2,n=s |