Original

पादबद्धोऽक्षरसमस्तन्त्रीलयसमन्वितः ।शोकार्तस्य प्रवृत्तो मे श्लोको भवतु नान्यथा ॥ १७ ॥

Segmented

पाद-बद्धः अक्षर-समः तन्त्री-लय-समन्वितः शोक-आर्तस्य प्रवृत्तो मे श्लोको भवतु न अन्यथा

Analysis

Word Lemma Parse
पाद पाद pos=n,comp=y
बद्धः बन्ध् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
अक्षर अक्षर pos=n,comp=y
समः सम pos=n,g=m,c=1,n=s
तन्त्री तन्त्री pos=n,comp=y
लय लय pos=n,comp=y
समन्वितः समन्वित pos=a,g=m,c=1,n=s
शोक शोक pos=n,comp=y
आर्तस्य आर्त pos=a,g=m,c=6,n=s
प्रवृत्तो प्रवृत् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
श्लोको श्लोक pos=n,g=m,c=1,n=s
भवतु भू pos=v,p=3,n=s,l=lot
pos=i
अन्यथा अन्यथा pos=i