रामायणम् — 1.17.37
Original
Segmented
ब्रूहि यत् प्रार्थितम् तुभ्यम् कार्यम् आगमनम् प्रति इच्छाम्य् अनुगृहीतो ऽहम् त्वद्-अर्थ-परिवृद्ध्यै
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रार्थितम् | प्रार्थय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तुभ्यम् | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
कार्यम् | कार्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आगमनम् | आगमन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रति | प्रति | pos=i |
इच्छाम्य् | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
अनुगृहीतो | अनुग्रह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
परिवृद्ध्यै | परिवृद्धि | pos=n,g=f,c=4,n=s |