रामायणम् — 1.17.33
Original
Segmented
यथा अमृतस्य सम्प्राप्तिः यथा वर्षम् अनूदके यथा सदृश-दारेषु पुत्र-जन्म अप्रजस्य च प्रनष्टस्य यथा लाभो यथा हर्षो महोदये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथा | यथा | pos=i |
अमृतस्य | अमृत | pos=n,g=n,c=6,n=s |
सम्प्राप्तिः | सम्प्राप्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
वर्षम् | वर्ष | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अनूदके | अनूदक | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
सदृश | सदृश | pos=a,comp=y |
दारेषु | दार | pos=n,g=m,c=7,n=p |
पुत्र | पुत्र | pos=n,comp=y |
जन्म | जन्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अप्रजस्य | अप्रज | pos=a,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
प्रनष्टस्य | प्रणश् | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=part |
यथा | यथा | pos=i |
लाभो | लाभ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
हर्षो | हर्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महोदये | महोदय | pos=n,g=m,c=7,n=s |