रामायणम् — 1.14.8
Original
Segmented
उद्वेजयति लोकांस् त्रीन् उच्छ्रितान् द्वेष्टि दुर्मतिः शक्रम् त्रिदश-राजानम् प्रधर्षयितुम् इच्छति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उद्वेजयति | उद्वेजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
लोकांस् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
त्रीन् | त्रि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
उच्छ्रितान् | उच्छ्रि | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
द्वेष्टि | द्विष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दुर्मतिः | दुर्मति | pos=a,g=m,c=1,n=s |
शक्रम् | शक्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
त्रिदश | त्रिदश | pos=n,comp=y |
राजानम् | राजन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रधर्षयितुम् | प्रधर्षय् | pos=vi |
इच्छति | इष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |