रामायणम् — 1.14.19
Original
Segmented
तत्र त्वम् मानुषो भूत्वा प्रवृद्धम् लोककण्टकम् अवध्यम् दैवतैः विष्णो समरे जहि रावणम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत्र | तत्र | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
मानुषो | मानुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भूत्वा | भू | pos=vi |
प्रवृद्धम् | प्रवृध् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
लोककण्टकम् | लोककण्टक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अवध्यम् | अवध्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
दैवतैः | दैवत | pos=n,g=n,c=3,n=p |
विष्णो | विष्णु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
जहि | हा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
रावणम् | रावण | pos=n,g=m,c=2,n=s |