Original

तत्र त्वं मानुषो भूत्वा प्रवृद्धं लोककण्टकम् ।अवध्यं दैवतैर्विष्णो समरे जहि रावणम् ॥ १९ ॥

Segmented

तत्र त्वम् मानुषो भूत्वा प्रवृद्धम् लोककण्टकम् अवध्यम् दैवतैः विष्णो समरे जहि रावणम्

Analysis

Word Lemma Parse
तत्र तत्र pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
मानुषो मानुष pos=n,g=m,c=1,n=s
भूत्वा भू pos=vi
प्रवृद्धम् प्रवृध् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
लोककण्टकम् लोककण्टक pos=n,g=m,c=2,n=s
अवध्यम् अवध्य pos=a,g=m,c=2,n=s
दैवतैः दैवत pos=n,g=n,c=3,n=p
विष्णो विष्णु pos=n,g=m,c=8,n=s
समरे समर pos=n,g=n,c=7,n=s
जहि हा pos=v,p=2,n=s,l=lot
रावणम् रावण pos=n,g=m,c=2,n=s