रामायणम् — 1.12.28
Original
Segmented
ततः प्रीतो द्विज-श्रेष्ठः तान् सर्वान् पुनः अब्रवीत् अवज्ञया न दातव्यम् कस्यचिल् लीलया अपि वा अवज्ञया कृतम् हन्याद् दातारम् न अत्र संशयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
द्विज | द्विज | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठः | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पुनः | पुनर् | pos=i |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
अवज्ञया | अवज्ञा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
दातव्यम् | दा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
कस्यचिल् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
लीलया | लीला | pos=n,g=f,c=3,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
वा | वा | pos=i |
अवज्ञया | अवज्ञा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
हन्याद् | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
दातारम् | दातृ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |