रामायणम् — 1.10.23
Original
Segmented
ततः सुहृदम् आपृच्छ्य प्रस्थितो रघुनन्दनः पौरेभ्यः प्रेषयामास दूतान् वै शीघ्र-गामिन् क्रियताम् नगरम् सर्वम् क्षिप्रम् एव सु अलंकृतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
सुहृदम् | सुहृद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आपृच्छ्य | आप्रच्छ् | pos=vi |
प्रस्थितो | प्रस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
रघुनन्दनः | रघुनन्दन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पौरेभ्यः | पौर | pos=n,g=m,c=4,n=p |
प्रेषयामास | प्रेषय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दूतान् | दूत | pos=n,g=m,c=2,n=p |
वै | वै | pos=i |
शीघ्र | शीघ्र | pos=a,comp=y |
गामिन् | गामिन् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
क्रियताम् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
नगरम् | नगर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
सु | सु | pos=i |
अलंकृतम् | अलंकृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |