रामायणम् — 1.1.79
Original
Segmented
पठन् द्विजो वागृषभ-त्वम् ईयात् स्यात् क्षत्रियो भूमिपति-त्वम् ईयात् वणिज्-जनः पण्यफलत्वम् ईयाज् जनः च शूद्रो ऽपि महत्त्वम् ईयात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पठन् | पठ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
द्विजो | द्विज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वागृषभ | वागृषभ | pos=n,comp=y |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ईयात् | इ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
क्षत्रियो | क्षत्रिय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भूमिपति | भूमिपति | pos=n,comp=y |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ईयात् | इ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
वणिज् | वणिज् | pos=n,comp=y |
जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पण्यफलत्वम् | पण्यफलत्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ईयाज् | इ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
शूद्रो | शूद्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
महत्त्वम् | महत्त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ईयात् | इ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |