रामायणम् — 1.1.46
Original
Segmented
स च अस्य कथयामास शबरीम् धर्मचारिणीम् श्रमणीम् धर्म-निपुणाम् अभिगच्छ इति राघव सो ऽभ्यगच्छन् महा-तेजाः शबरीम् शत्रु-सूदनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
कथयामास | कथय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
शबरीम् | शबरी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
धर्मचारिणीम् | धर्मचारिणी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
श्रमणीम् | श्रमणा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
निपुणाम् | निपुण | pos=a,g=f,c=2,n=s |
अभिगच्छ | अभिगम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
राघव | राघव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभ्यगच्छन् | अभिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
तेजाः | तेजस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शबरीम् | शबरी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
शत्रु | शत्रु | pos=n,comp=y |
सूदनः | सूदन | pos=a,g=m,c=1,n=s |