Original

सरसिजनयने सशङ्खचक्रे मुरभिदि मा विरमेह चित्त रन्तुम् ।सुखकरमपरं न जातु जाने हरिचरणस्मरणामृतेन तुल्यम् ॥ ८ ॥

Segmented

सरसिज-नयने स शङ्ख-चक्रे मुरभिदि मा विरम इह चित्त रन्तुम् सुख-करम् अपरम् न जातु जाने हरि-चरण-स्मरण-अमृतेन तुल्यम्

Analysis

Word Lemma Parse
सरसिज सरसिज pos=n,comp=y
नयने नयन pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
शङ्ख शङ्ख pos=n,comp=y
चक्रे चक्र pos=n,g=m,c=7,n=s
मुरभिदि मुरभिद् pos=n,g=m,c=7,n=s
मा मा pos=i
विरम विरम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
इह इह pos=i
चित्त चित्त pos=n,g=n,c=8,n=s
रन्तुम् रम् pos=vi
सुख सुख pos=n,comp=y
करम् कर pos=a,g=n,c=2,n=s
अपरम् अपर pos=n,g=n,c=2,n=s
pos=i
जातु जातु pos=i
जाने ज्ञा pos=v,p=1,n=s,l=lat
हरि हरि pos=n,comp=y
चरण चरण pos=n,comp=y
स्मरण स्मरण pos=n,comp=y
अमृतेन अमृत pos=n,g=n,c=3,n=s
तुल्यम् तुल्य pos=a,g=n,c=2,n=s