मेघदूतम् — 2.47
Original
Segmented
भित्त्वा सद्यः किसलय-पुटान् देवदारु-द्रुमाणाम् ये तद्-क्षीर-स्रुति-सुरभयः दक्षिणेन प्रवृत्ताः आलिङ्ग्यन्ते गुणवति मया ते तुषाराद्रि-वाताः पूर्वम् स्पृष्टम् यदि किल भवेद् अङ्गम् एभिस् ते इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भित्त्वा | भिद् | pos=vi |
सद्यः | सद्यस् | pos=i |
किसलय | किसलय | pos=n,comp=y |
पुटान् | पुट | pos=n,g=m,c=2,n=p |
देवदारु | देवदारु | pos=n,comp=y |
द्रुमाणाम् | द्रुम | pos=n,g=m,c=6,n=p |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
क्षीर | क्षीर | pos=n,comp=y |
स्रुति | स्रुति | pos=n,comp=y |
सुरभयः | सुरभि | pos=a,g=m,c=1,n=p |
दक्षिणेन | दक्षिणेन | pos=i |
प्रवृत्ताः | प्रवृत् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
आलिङ्ग्यन्ते | आलिङ्ग् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
गुणवति | गुणवत् | pos=a,g=f,c=8,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तुषाराद्रि | तुषाराद्रि | pos=n,comp=y |
वाताः | वात | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पूर्वम् | पूर्वम् | pos=i |
स्पृष्टम् | स्पृश् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
यदि | यदि | pos=i |
किल | किल | pos=i |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अङ्गम् | अङ्ग | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एभिस् | इदम् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
इति | इति | pos=i |