मेघदूतम् — 1.38
Original
Segmented
पाद-न्यासैः क्वणित-रशनाः तत्र लीला-अवधूतैः रत्न-छाया-खचित-वलि चामरैः क्लान्त-हस्ताः वेश्यास् त्वत्तो नख-पद-सुखान् प्राप्य वर्ष-अग्र-बिन्दून् आमोक्ष्यन्ते त्वयि मधुकर-श्रेणी-दीर्घान् कटाक्षान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पाद | पाद | pos=n,comp=y |
न्यासैः | न्यास | pos=n,g=m,c=3,n=p |
क्वणित | क्वण् | pos=va,comp=y,f=part |
रशनाः | रशना | pos=n,g=f,c=1,n=p |
तत्र | तत्र | pos=i |
लीला | लीला | pos=n,comp=y |
अवधूतैः | अवधू | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
छाया | छाया | pos=n,comp=y |
खचित | खच् | pos=va,comp=y,f=part |
वलि | वलि | pos=n,g=n,c=3,n=p |
चामरैः | चामर | pos=n,g=n,c=3,n=p |
क्लान्त | क्लम् | pos=va,comp=y,f=part |
हस्ताः | हस्त | pos=n,g=f,c=1,n=p |
वेश्यास् | वेश्या | pos=n,g=f,c=1,n=p |
त्वत्तो | त्वद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
नख | नख | pos=n,comp=y |
पद | पद | pos=n,comp=y |
सुखान् | सुख | pos=a,g=m,c=2,n=p |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
वर्ष | वर्ष | pos=n,comp=y |
अग्र | अग्र | pos=n,comp=y |
बिन्दून् | बिन्दु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
आमोक्ष्यन्ते | आमुच् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
मधुकर | मधुकर | pos=n,comp=y |
श्रेणी | श्रेणि | pos=n,comp=y |
दीर्घान् | दीर्घ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
कटाक्षान् | कटाक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=p |