मेघदूतम् — 1.17
Original
Segmented
त्वाम् आसार-प्रशमित-वन-उपप्लवम् साधु मूर्ध्ना वक्ष्यत्य् अध्व-श्रम-परिगतम् सानुमान् आम्रकूटः न क्षुद्रो अपि प्रथम-सुकृत-अपेक्षया संश्रयाय प्राप्ते मित्रे भवति विमुखः किम् पुनः यस् तथा उच्चैस्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
आसार | आसार | pos=n,comp=y |
प्रशमित | प्रशमय् | pos=va,comp=y,f=part |
वन | वन | pos=n,comp=y |
उपप्लवम् | उपप्लव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
साधु | साधु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
मूर्ध्ना | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वक्ष्यत्य् | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
अध्व | अध्वन् | pos=n,comp=y |
श्रम | श्रम | pos=n,comp=y |
परिगतम् | परिगम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
सानुमान् | सानुमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
आम्रकूटः | आम्रकूट | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
क्षुद्रो | क्षुद्र | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
प्रथम | प्रथम | pos=a,comp=y |
सुकृत | सुकृत | pos=n,comp=y |
अपेक्षया | अपेक्षा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
संश्रयाय | संश्रय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
प्राप्ते | प्राप् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
मित्रे | मित्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विमुखः | विमुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
यस् | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
उच्चैस् | उच्चैस् | pos=i |