Original

प्रतपन्तं श्रिया जुष्टं वर्तमानं च बन्धुषु ।एवं कुर्यान्नरो यो हि स वै संजय पूजितः ॥ १६ ॥

Segmented

प्रतपन्तम् श्रिया जुष्टम् वर्तमानम् च बन्धुषु एवम् कुर्यात् नरः यो हि स वै संजय पूजितः

Analysis

Word Lemma Parse
प्रतपन्तम् प्रतप् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
श्रिया श्री pos=n,g=f,c=3,n=s
जुष्टम् जुष् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
वर्तमानम् वृत् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
pos=i
बन्धुषु बन्धु pos=n,g=m,c=7,n=p
एवम् एवम् pos=i
कुर्यात् कृ pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
नरः नर pos=n,g=m,c=1,n=s
यो यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
वै वै pos=i
संजय संजय pos=n,g=m,c=8,n=s
पूजितः पूजय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part