Original

वासुदेवोऽपि धर्मात्मा कृतकृत्यो जगाम ह ।शिबिरं हास्तिनपुराद्दिदृक्षुः पाण्डवान्नृप ॥ ७२ ॥

Segmented

वासुदेवो ऽपि धर्म-आत्मा कृतकृत्यो जगाम ह शिबिरम् हास्तिनपुराद् दिदृक्षुः पाण्डवान् नृप

Analysis

Word Lemma Parse
वासुदेवो वासुदेव pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽपि अपि pos=i
धर्म धर्म pos=n,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
कृतकृत्यो कृतकृत्य pos=a,g=m,c=1,n=s
जगाम गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i
शिबिरम् शिबिर pos=n,g=n,c=2,n=s
हास्तिनपुराद् हास्तिनपुर pos=n,g=n,c=5,n=s
दिदृक्षुः दिदृक्षु pos=a,g=m,c=1,n=s
पाण्डवान् पाण्डव pos=n,g=m,c=2,n=p
नृप नृप pos=n,g=m,c=8,n=s