महाभारतम् — 9.62.59
Original
Segmented
तद् इदम् समनुप्राप्तम् तव वाक्यम् नृप-आत्मजे एवम् विदित्वा कल्याणि मा स्म शोके मनः कृथाः पाण्डवानाम् विनाशाय मा ते बुद्धिः कदाचन
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
समनुप्राप्तम् | समनुप्राप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
नृप | नृप | pos=n,comp=y |
आत्मजे | आत्मजा | pos=n,g=f,c=8,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
विदित्वा | विद् | pos=vi |
कल्याणि | कल्याण | pos=a,g=f,c=8,n=s |
मा | मा | pos=i |
स्म | स्म | pos=i |
शोके | शोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कृथाः | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug |
पाण्डवानाम् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
विनाशाय | विनाश | pos=n,g=m,c=4,n=s |
मा | मा | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
कदाचन | कदाचन | pos=i |