Original

विद्रुते शिबिरे शून्ये प्राप्ते यशसि चोत्तमे ।किं नु तत्कारणं ब्रह्मन्येन कृष्णो गतः पुनः ॥ ४ ॥

Segmented

विद्रुते शिबिरे शून्ये प्राप्ते यशसि च उत्तमे किम् नु तत् कारणम् ब्रह्मन् येन कृष्णो गतः पुनः

Analysis

Word Lemma Parse
विद्रुते विद्रु pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
शिबिरे शिबिर pos=n,g=n,c=7,n=s
शून्ये शून्य pos=a,g=n,c=7,n=s
प्राप्ते प्राप् pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
यशसि यशस् pos=n,g=n,c=7,n=s
pos=i
उत्तमे उत्तम pos=a,g=n,c=7,n=s
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
नु नु pos=i
तत् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
कारणम् कारण pos=n,g=n,c=1,n=s
ब्रह्मन् ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=8,n=s
येन यद् pos=n,g=n,c=3,n=s
कृष्णो कृष्ण pos=n,g=m,c=1,n=s
गतः गम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
पुनः पुनर् pos=i