महाभारतम् — 9.60.20
Original
Segmented
बहुशो विदुर-द्रोण-कृप-गाङ्गेय-सृञ्जयैः पाण्डुभ्यः प्रोच्यमानो ऽपि पित्र्यम् अंशम् न दत्तवान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बहुशो | बहुशस् | pos=i |
विदुर | विदुर | pos=n,comp=y |
द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
कृप | कृप | pos=n,comp=y |
गाङ्गेय | गाङ्गेय | pos=n,comp=y |
सृञ्जयैः | सृञ्जय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
पाण्डुभ्यः | पाण्डु | pos=n,g=m,c=4,n=p |
प्रोच्यमानो | प्रवच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
पित्र्यम् | पित्र्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अंशम् | अंश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
दत्तवान् | दा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |