Original

भीष्मद्रोणार्णवं तीर्त्वा कर्णपातालसंभवम् ।मा निमज्जस्व सगणः शल्यमासाद्य गोष्पदम् ॥ ३६ ॥

Segmented

भीष्म-द्रोण-अर्णवम् तीर्त्वा कर्ण-पाताल-संभवम् मा निमज्जस्व स गणः शल्यम् आसाद्य गोष्पदम्

Analysis

Word Lemma Parse
भीष्म भीष्म pos=n,comp=y
द्रोण द्रोण pos=n,comp=y
अर्णवम् अर्णव pos=n,g=m,c=2,n=s
तीर्त्वा तृ pos=vi
कर्ण कर्ण pos=n,comp=y
पाताल पाताल pos=n,comp=y
संभवम् सम्भव pos=n,g=m,c=2,n=s
मा मा pos=i
निमज्जस्व निमज्ज् pos=v,p=2,n=s,l=lot
pos=i
गणः गण pos=n,g=m,c=1,n=s
शल्यम् शल्य pos=n,g=m,c=2,n=s
आसाद्य आसादय् pos=vi
गोष्पदम् गोष्पद pos=n,g=n,c=2,n=s