महाभारतम् — 9.53.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच कुरुक्षेत्रम् ततो दृष्ट्वा दत्त्वा दायान् च सात्वतः आश्रमम् सु महत् दिव्यम् अगमत् जनमेजयैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कुरुक्षेत्रम् | कुरुक्षेत्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ततो | ततस् | pos=i |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
दत्त्वा | दा | pos=vi |
दायान् | दाय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
सात्वतः | सात्वत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आश्रमम् | आश्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सु | सु | pos=i |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
दिव्यम् | दिव्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अगमत् | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
जनमेजयैः | जनमेजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |