Original

कृतजप्याह्निकः श्रीमानाश्रमं च जगाम ह ।कलशं जलपूर्णं वै गृहीत्वा जनमेजय ॥ १८ ॥

Segmented

कृत-जप्य-आह्निकः श्रीमान् आश्रमम् च जगाम ह कलशम् जल-पूर्णम् वै गृहीत्वा जनमेजय

Analysis

Word Lemma Parse
कृत कृ pos=va,comp=y,f=part
जप्य जप्य pos=n,comp=y
आह्निकः आह्निक pos=n,g=m,c=1,n=s
श्रीमान् श्रीमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
आश्रमम् आश्रम pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
जगाम गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i
कलशम् कलश pos=n,g=n,c=2,n=s
जल जल pos=n,comp=y
पूर्णम् पृ pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
वै वै pos=i
गृहीत्वा ग्रह् pos=vi
जनमेजय जनमेजय pos=n,g=m,c=8,n=s