Original

जनमेजय उवाच ।का तस्या भगवन्माता क्व संवृद्धा च शोभना ।श्रोतुमिच्छाम्यहं ब्रह्मन्परं कौतूहलं हि मे ॥ ५६ ॥

Segmented

जनमेजय उवाच का तस्या भगवन् माता क्व संवृद्धा च शोभना श्रोतुम् इच्छामि अहम् ब्रह्मन् परम् कौतूहलम् हि मे

Analysis

Word Lemma Parse
जनमेजय जनमेजय pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
का pos=n,g=f,c=1,n=s
तस्या तद् pos=n,g=f,c=6,n=s
भगवन् भगवत् pos=a,g=m,c=8,n=s
माता मातृ pos=n,g=f,c=1,n=s
क्व क्व pos=i
संवृद्धा संवृध् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
pos=i
शोभना शोभन pos=a,g=f,c=1,n=s
श्रोतुम् श्रु pos=vi
इच्छामि इष् pos=v,p=1,n=s,l=lat
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
ब्रह्मन् ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=8,n=s
परम् पर pos=n,g=n,c=1,n=s
कौतूहलम् कौतूहल pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s