महाभारतम् — 9.47.17
Original
Segmented
आमन्त्र्य ताम् तु कल्याणीम् ततो जप्यम् जजाप सः अविदूरे ततस् तस्मात् आश्रमात् तीर्थ उत्तमे इन्द्रतीर्थे महा-राज त्रिषु लोकेषु विश्रुते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आमन्त्र्य | आमन्त्रय् | pos=vi |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
कल्याणीम् | कल्याण | pos=a,g=f,c=2,n=s |
ततो | ततस् | pos=i |
जप्यम् | जप्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
जजाप | जप् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सः | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अविदूरे | अविदूर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ततस् | ततस् | pos=i |
तस्मात् | तद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
आश्रमात् | आश्रम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
तीर्थ | तीर्थ | pos=n,g=n,c=7,n=s |
उत्तमे | उत्तम | pos=a,g=n,c=7,n=s |
इन्द्रतीर्थे | इन्द्रतीर्थ | pos=n,g=n,c=7,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
राज | राज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विश्रुते | विश्रु | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |