महाभारतम् — 9.44.38
Original
Segmented
सु दर्शनीयौ वर-दौ त्रिषु लोकेषु विश्रुतौ सुप्रभम् च महात्मानम् शुभकर्माणम् एव च कार्त्तिकेयाय सम्प्रादाद् विधाता लोक-विश्रुतौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सु | सु | pos=i |
दर्शनीयौ | दर्शनीय | pos=a,g=m,c=2,n=d |
वर | वर | pos=n,comp=y |
दौ | द | pos=a,g=m,c=2,n=d |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विश्रुतौ | विश्रु | pos=va,g=m,c=2,n=d,f=part |
सुप्रभम् | सुप्रभ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
महात्मानम् | महात्मन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
शुभकर्माणम् | शुभकर्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
कार्त्तिकेयाय | कार्त्तिकेय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
सम्प्रादाद् | सम्प्रदा | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
विधाता | विधातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
विश्रुतौ | विश्रु | pos=va,g=m,c=2,n=d,f=part |