Original

अन्वास्ते च नदी देवं गङ्गा वै सरितां वरा ।दधार पृथिवी चैनं बिभ्रती रूपमुत्तमम् ॥ २० ॥

Segmented

अन्वास्ते च नदी देवम् गङ्गा वै सरिताम् वरा दधार पृथिवी च एनम् बिभ्रती रूपम् उत्तमम्

Analysis

Word Lemma Parse
अन्वास्ते अन्वास् pos=v,p=3,n=s,l=lat
pos=i
नदी नदी pos=n,g=f,c=1,n=s
देवम् देव pos=n,g=m,c=2,n=s
गङ्गा गङ्गा pos=n,g=f,c=1,n=s
वै वै pos=i
सरिताम् सरित् pos=n,g=f,c=6,n=p
वरा वर pos=a,g=f,c=1,n=s
दधार धृ pos=v,p=3,n=s,l=lit
पृथिवी पृथिवी pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
एनम् एनद् pos=n,g=m,c=2,n=s
बिभ्रती भृ pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=2,n=s
उत्तमम् उत्तम pos=a,g=n,c=2,n=s