महाभारतम् — 9.42.18
Original
Segmented
आचार्यम् ऋत्विजम् च एव गुरुम् वृद्ध-जनम् तथा प्राणिनो ये ऽवमन्यन्ते ते भवन्ति इह राक्षसाः योषिताम् च एव पापानाम् योनि-दोषेण वर्धते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आचार्यम् | आचार्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ऋत्विजम् | ऋत्विज् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
गुरुम् | गुरु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वृद्ध | वृद्ध | pos=a,comp=y |
जनम् | जन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
प्राणिनो | प्राणिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽवमन्यन्ते | अवमन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
इह | इह | pos=i |
राक्षसाः | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=p |
योषिताम् | योषित् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
पापानाम् | पाप | pos=a,g=f,c=6,n=p |
योनि | योनि | pos=n,comp=y |
दोषेण | दोष | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |