Original

मोक्षयित्वा ततो राष्ट्रं प्रतिगृह्य पशून्बहून् ।हृष्टात्मा नैमिषारण्यं जगाम पुनरेव हि ॥ २४ ॥

Segmented

मोक्षयित्वा ततो राष्ट्रम् प्रतिगृह्य पशून् बहून् हृष्ट-आत्मा नैमिष-अरण्यम् जगाम पुनः एव हि

Analysis

Word Lemma Parse
मोक्षयित्वा मोक्षय् pos=vi
ततो ततस् pos=i
राष्ट्रम् राष्ट्र pos=n,g=n,c=2,n=s
प्रतिगृह्य प्रतिग्रह् pos=vi
पशून् पशु pos=n,g=m,c=2,n=p
बहून् बहु pos=a,g=m,c=2,n=p
हृष्ट हृष् pos=va,comp=y,f=part
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
नैमिष नैमिष pos=n,comp=y
अरण्यम् अरण्य pos=n,g=n,c=2,n=s
जगाम गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
पुनः पुनर् pos=i
एव एव pos=i
हि हि pos=i