महाभारतम् — 9.4.12
Original
Segmented
अभिमन्योः विनाशेन न शर्म लभते ऽर्जुनः स कथम् मद्-हिते यत्नम् प्रकरिष्यति याचितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अभिमन्योः | अभिमन्यु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विनाशेन | विनाश | pos=n,g=m,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
शर्म | शर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ऽर्जुनः | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
हिते | हित | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यत्नम् | यत्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रकरिष्यति | प्रकृ | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
याचितः | याच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |