Original

देवापिश्च कथं ब्रह्मन्विश्वामित्रश्च सत्तम ।तन्ममाचक्ष्व भगवन्परं कौतूहलं हि मे ॥ २ ॥

Segmented

देवापिः च कथम् ब्रह्मन् विश्वामित्रः च सत्तम तत् मे आचक्ष्व भगवन् परम् कौतूहलम् हि मे

Analysis

Word Lemma Parse
देवापिः देवापि pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
कथम् कथम् pos=i
ब्रह्मन् ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=8,n=s
विश्वामित्रः विश्वामित्र pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
सत्तम सत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
आचक्ष्व आचक्ष् pos=v,p=2,n=s,l=lan
भगवन् भगवत् pos=a,g=m,c=8,n=s
परम् पर pos=n,g=n,c=1,n=s
कौतूहलम् कौतूहल pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s