महाभारतम् — 9.37.39
Original
Segmented
ऋषिः उवाच किम् न पश्यसि मे ब्रह्मन् करात् शाक-रसम् स्रुतम् यम् दृष्ट्वा वै प्रनृत्तो ऽहम् हर्षेण महता विभो
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऋषिः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
किम् | किम् | pos=i |
न | न | pos=i |
पश्यसि | दृश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
करात् | कर | pos=n,g=m,c=5,n=s |
शाक | शाक | pos=n,comp=y |
रसम् | रस | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्रुतम् | स्रु | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
वै | वै | pos=i |
प्रनृत्तो | प्रनृत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हर्षेण | हर्ष | pos=n,g=m,c=3,n=s |
महता | महत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
विभो | विभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |