महाभारतम् — 9.37.3
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच राजन् सप्त सरस्वत्यो याभिः व्याप्तम् इदम् जगत् आहूता बलवद्भिः हि तत्र तत्र सरस्वती
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
सप्त | सप्तन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सरस्वत्यो | सरस्वती | pos=n,g=f,c=1,n=p |
याभिः | यद् | pos=n,g=f,c=3,n=p |
व्याप्तम् | व्याप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
जगत् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आहूता | आह्वा | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
बलवद्भिः | बलवत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
हि | हि | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
सरस्वती | सरस्वती | pos=n,g=f,c=1,n=s |