Original

त्रित आत्मानमालक्ष्य कूपे वीरुत्तृणावृते ।निमग्नं भरतश्रेष्ठ पापकृन्नरके यथा ॥ २९ ॥

Segmented

त्रित आत्मानम् आलक्ष्य कूपे वीरुध्-तृण-आवृते निमग्नम् भरत-श्रेष्ठ पाप-कृत्-नरके यथा

Analysis

Word Lemma Parse
त्रित त्रित pos=n,g=m,c=1,n=s
आत्मानम् आत्मन् pos=n,g=m,c=2,n=s
आलक्ष्य आलक्षय् pos=vi
कूपे कूप pos=n,g=m,c=7,n=s
वीरुध् वीरुध् pos=n,comp=y
तृण तृण pos=n,comp=y
आवृते आवृ pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
निमग्नम् निमज्ज् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
भरत भरत pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
पाप पाप pos=n,comp=y
कृत् कृत् pos=a,comp=y
नरके नरक pos=n,g=m,c=7,n=s
यथा यथा pos=i