Original

गच्छ त्वं भुङ्क्ष्व राजेन्द्र पृथिवीं निहतेश्वराम् ।हतयोधां नष्टरत्नां क्षीणवप्रां यथासुखम् ॥ ५० ॥

Segmented

गच्छ त्वम् भुङ्क्ष्व राज-इन्द्र पृथिवीम् निहत-ईश्वराम् हत-योधाम् नष्ट-रत्नाम् क्षीण-वप्राम् यथासुखम्

Analysis

Word Lemma Parse
गच्छ गम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
भुङ्क्ष्व भुज् pos=v,p=2,n=s,l=lot
राज राजन् pos=n,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,g=m,c=8,n=s
पृथिवीम् पृथिवी pos=n,g=f,c=2,n=s
निहत निहन् pos=va,comp=y,f=part
ईश्वराम् ईश्वर pos=n,g=f,c=2,n=s
हत हन् pos=va,comp=y,f=part
योधाम् योध pos=n,g=f,c=2,n=s
नष्ट नश् pos=va,comp=y,f=part
रत्नाम् रत्न pos=n,g=f,c=2,n=s
क्षीण क्षि pos=va,comp=y,f=part
वप्राम् वप्र pos=n,g=f,c=2,n=s
यथासुखम् यथासुखम् pos=i