Original

तदभ्रमिव वातेन क्षिप्यमाणं समन्ततः ।अभज्यत महाराज पाण्डूनां सुमहद्बलम् ॥ ३१ ॥

Segmented

तद् अभ्रम् इव वातेन क्षिप्यमाणम् समन्ततः अभज्यत महा-राज पाण्डूनाम् सु महत् बलम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
अभ्रम् अभ्र pos=n,g=n,c=1,n=s
इव इव pos=i
वातेन वात pos=n,g=m,c=3,n=s
क्षिप्यमाणम् क्षिप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
समन्ततः समन्ततः pos=i
अभज्यत भञ्ज् pos=v,p=3,n=s,l=lan
महा महत् pos=a,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
पाण्डूनाम् पाण्डु pos=n,g=m,c=6,n=p
सु सु pos=i
महत् महत् pos=a,g=n,c=1,n=s
बलम् बल pos=n,g=n,c=1,n=s