महाभारतम् — 9.19.7
Original
Segmented
संद्राव्यमाणम् तु बलम् परेषाम् परीत-कल्पम् विबभौ समन्तात् न एव अवतस्थे समरे भृशम् भयाद् विमर्दमानम् तु परस्परम् तदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संद्राव्यमाणम् | संद्रावय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
बलम् | बल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
परेषाम् | पर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
परीत | परी | pos=va,comp=y,f=part |
कल्पम् | कल्प | pos=a,g=n,c=1,n=s |
विबभौ | विभा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
समन्तात् | समन्तात् | pos=i |
न | न | pos=i |
एव | एव | pos=i |
अवतस्थे | अवस्था | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
भयाद् | भय | pos=n,g=n,c=5,n=s |
विमर्दमानम् | विमृद् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
परस्परम् | परस्पर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तदा | तदा | pos=i |