Original

ध्वजं निपतितं दृष्ट्वा पाण्डवं च व्यवस्थितम् ।संक्रुद्धो मद्रराजोऽभूच्छरवर्षं मुमोच ह ॥ ५८ ॥

Segmented

ध्वजम् निपतितम् दृष्ट्वा पाण्डवम् च व्यवस्थितम् संक्रुद्धो मद्र-राजः अभूत् शर-वर्षम् मुमोच ह

Analysis

Word Lemma Parse
ध्वजम् ध्वज pos=n,g=m,c=2,n=s
निपतितम् निपत् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
पाण्डवम् पाण्डव pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
व्यवस्थितम् व्यवस्था pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
संक्रुद्धो संक्रुध् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मद्र मद्र pos=n,comp=y
राजः राज pos=n,g=m,c=1,n=s
अभूत् भू pos=v,p=3,n=s,l=lun
शर शर pos=n,comp=y
वर्षम् वर्ष pos=n,g=m,c=2,n=s
मुमोच मुच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i