महाभारतम् — 9.1.43
Original
Segmented
विद्वन् क्षत्तः महा-प्राज्ञैः त्वम् गतिः भरत-ऋषभ मे अनाथस्य सु भृशम् पुत्रैः हीनस्य सर्वशः एवम् उक्त्वा ततो भूयो विसंज्ञो निपपात ह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विद्वन् | विद्वस् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
क्षत्तः | क्षत्तृ | pos=n,g=,c=8,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
प्राज्ञैः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
गतिः | गति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अनाथस्य | अनाथ | pos=a,g=m,c=6,n=s |
सु | सु | pos=i |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
पुत्रैः | पुत्र | pos=n,g=m,c=3,n=p |
हीनस्य | हा | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
ततो | ततस् | pos=i |
भूयो | भूयस् | pos=i |
विसंज्ञो | विसंज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
निपपात | निपत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ह | ह | pos=i |