महाभारतम् — 8.68.31
Original
Segmented
देहांः च भोगांः च परिच्छदांः च त्यक्त्वा मनोज्ञानि सुखानि च अपि स्वधर्म-निष्ठाम् महतीम् अवाप्य व्याप्तांः च लोकान् यशसा समीयुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
देहांः | देह | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
भोगांः | भोग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
परिच्छदांः | परिच्छद | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
त्यक्त्वा | त्यज् | pos=vi |
मनोज्ञानि | मनोज्ञ | pos=a,g=n,c=2,n=p |
सुखानि | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
स्वधर्म | स्वधर्म | pos=n,comp=y |
निष्ठाम् | निष्ठा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
महतीम् | महत् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
अवाप्य | अवाप् | pos=vi |
व्याप्तांः | व्याप् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
यशसा | यशस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
समीयुः | समि | pos=v,p=3,n=p,l=lit |