महाभारतम् — 8.66.16
Original
Segmented
तद् उत्तम-इषून् मथितम् विष-अग्निना प्रदीप्तम् अर्चिष्मद् अभिक्षिति पपात पार्थस्य किरीटम् उत्तमम् दिवाकरो ऽस्ताद् इव पर्वताज् ज्वलन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
उत्तम | उत्तम | pos=a,comp=y |
इषून् | इषु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
मथितम् | मथ् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
विष | विष | pos=n,comp=y |
अग्निना | अग्नि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
प्रदीप्तम् | प्रदीप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
अर्चिष्मद् | अर्चिष्मत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
अभिक्षिति | प्रिय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
पपात | पत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पार्थस्य | पार्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
किरीटम् | किरीट | pos=n,g=n,c=1,n=s |
उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
दिवाकरो | दिवाकर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽस्ताद् | अस्त | pos=n,g=m,c=5,n=s |
इव | इव | pos=i |
पर्वताज् | पर्वत | pos=n,g=m,c=5,n=s |
ज्वलन् | ज्वल् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |